पंकज मल्लिक एकदम शुरूआत से यानी 1927 से ही रेडियो कोलकाता का हिस्सा रहे थे।
रेडियो से उनका जुड़ाव इतना गहरा था कि वे आजीवन हर वर्ष दुर्गा पूजा के मौक़े पर 'महिषासुर मर्दिनी' नामक सजीव रेडियो प्रसारण करते थे। इसकी शुरूआत 1931 में हुई थी। आगे चलकर इसका एल.पी. भी जारी किया गया। जो हमारे संग्रह का गौरवशाली हिस्सा है। तकरीबन पचास वर्षों तक पंकज मल्लिक रेडियो का हिस्सा रहे।
विविध-भारती के पास पंकज मल्लिक का एक पांच मिनिट का अनमोल इंटरव्यू है। जिसमें उन्होंने अपने जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं के बारे में बताया है।
पंकज मलिक के संगीत निर्देशन में ना केवल कुंदनलाल सहगल ने गाया है। बल्कि सचिन देव बर्मन, हेमंत कुमार गीता रॉय और आशा भोसले जैसे हिंदी संगीत के दिग्गजों ने गाया। 1973 में पंकज मल्लिक को सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दादासाहेब फालके पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
फिल्म्स डिविजन ने पंकज मल्लिक पर एक वृत्तचित्र तैयार किया है। जिसे आप ऑनलाइन यहां देख सकते हैं।
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रेडियोवाणी पर पंकज मल्लिक का गीत--'तेरे मंदिर का हूं दीपक' यहां सुना जा सकता है।